1/31/2005

मित्र और शत्रु

मेरे मित्र का मित्र ,
मेरा मित्र हो या नहीं,
मेरे शत्रु का शत्रु ,
मेरा मित्र हो या नहीं,
पर,मेरे मित्र का शत्रु ,
या,मेरे शत्रु का मित्र ,
मेरा मित्र नहीं हो सकता ।

-राजेश कुमार सिंह
बन्‍दर लैम्‍पंग (सुमात्रा)
इन्‍डोनेशिया ।

2 Comments:

Blogger विजय ठाकुर said...

बहुत दिनों के बाद दर्शन हुये, क्या हाल है बंदर लैंम्पंग का।

12:03 am

 
Blogger RAJESH said...

अगर,हाल,से मतलब,सुनामी लहरों से हुए प्रकोप से है,तो,बन्‍दर लैम्‍पंग में,जन-जीवन सामान्‍य हैं,क्‍योंकि,वैसे भी,यह इलाका,सुनामी के कहर से,अप्रभावित रहा था।बाकी,इस आपदा का दर्द और दहशत,तो,कुछ दिनों तक लोगों के बीच रहेगा ही।

2:49 pm

 

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